
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में इथेनॉल से जुड़े आरोपों पर बड़ी सफाई दी है। कांग्रेस नेताओं द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए गडकरी ने साफ कहा कि “इथेनॉल से वाहनों का माइलेज कम नहीं होता” और यह पूरी तरह अफवाह है।
इथेनॉल और माइलेज पर गडकरी की दो टूक
गडकरी ने स्पष्ट किया कि इथेनॉल एक क्लीन फ्यूल है और भविष्य में यह पेट्रोल का बेहतर विकल्प साबित होगा। उन्होंने कहा:
“तकनीक के साथ बदलाव जरूरी है। इथेनॉल से न केवल प्रदूषण कम होता है बल्कि यह सस्ता और देश में उपलब्ध फ्यूल है।”
उन्होंने बताया कि अफवाहें फैलाने से पहले वैज्ञानिक तथ्यों की जांच जरूरी है। सरकार का उद्देश्य है कि भारत पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम कर आत्मनिर्भर बने।
100 किमी प्रतिदिन हाइवे निर्माण: क्या यह संभव है?
गडकरी ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि हर दिन 100 किलोमीटर हाइवे का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि:
“हमारे पास 2.85 लाख करोड़ रुपये का बजट है और ज़रूरत पड़ी तो मार्केट से 5 लाख करोड़ रुपये और जुटाए जा सकते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 3.5 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल चुकी है, और सभी विभागों का सहयोग रहा तो यह लक्ष्य असंभव नहीं रहेगा।

ग्रीन फ्यूल और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
गडकरी ने यह भी कहा कि ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे और हाइड्रोजन फ्यूल जैसे प्रोजेक्ट्स भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगे। उनका कहना है कि:
हाइड्रोजन फ्यूल भविष्य का मुख्य ईंधन होगा। दिल्ली में प्रदूषण घटाने को 1 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। ग्रीन फ्यूल से प्रदूषण कम और रोजगार सृजन दोनों संभव हैं।
देशभर में चल रहे बड़े हाइवे प्रोजेक्ट्स
चेन्नई से मुंबई हाइवे निर्माण कार्य तेज़ी से जारी। श्रीनगर से जम्मू तक 36 सुरंगों पर काम चल रहा है। दिल्ली ट्रैफिक सुधारने और वायु प्रदूषण घटाने पर जोर।
“जिम्मेदार विकास ही असली राजनीति है”
नितिन गडकरी ने साफ किया कि सरकार हर आरोप का जवाब तथ्यों से देगी और विकास की रफ्तार नहीं रुकेगी। उन्होंने कहा कि जनता अब “सच को पहचानने लगी है” और सरकार की प्राथमिकता साफ है—सड़क, रोजगार और स्वच्छ ईंधन।
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